जिन खोजा तिन पाइयां

इस ब्लॉग में विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं के उत्तर देने की कोशिश की जाएगी। हिन्दी साहित्य से जुड़े कोर्सेस पर यहाँ टिप्पणियाँ होंगी,चर्चा हो सकेगी।

Tuesday 20 March 2012

Department of Hindi
Semester based Credit system Course
Semester-4
From June 2011
HIN 507 हिन्दी भाषा प्रशिक्षण एवं कोश विज्ञान   Course Credit -4
यहाँ इस कोर्स से संबंधित कुछ प्रश्न दिए जा रहे हैं। इस बीच यह सवाल सभी के मन में रहा कि आखिर इसमें प्रश्न कैसे पूछे जा सकते हैं। कई केन्द्रों के छात्रों के मन में यह प्रश्न भी था कि इसे ठीक तरह से पढ़ाया नहीं गया है। यह स्वाभाविक है, क्योंकि यह नितांत नया पाठ्यक्रम है और इसे स विश्वविद्यालय में प्रथम बार ही संकल्पित किया गया है और लागू भी किया गया है।  संभवतः इन प्रश्नों के आधार पर समस्या का निराकरण हो सकेगा। इस बात को ध्यान में रखा जाए कि यह कोर्स विद्यार्थी की भाषा संबंधी, भाषा के प्रयोग संबंधी समझ से जुड़ा है। आज आप हिन्दी पढ़ कर कहीं नौकरी करने जाएंगे तो अगर आप की भाषा ठीक नहीं होगी तो आपके लिए कठिनाई बढ़ेगी। आपका पिछला और वर्तमान कोर्स इसी बात की ओर संकेत करता है। भाषा को रचना के स्तर पर जानना और उसका प्रयोग करना, यही इसका उद्देश्य है। यहाँ आपकी सहायता के लिए कुछ प्रश्न दिए जा रहे हैं ताकि आप इस बात का अंदाज़ा लग सकें कि अभी आपको किस दिशा में अधिक आगे बढ़ने की आवश्यकता है। इस बात का ध्यान रखें की यह केवल पाठ्यक्रम की दिशा सूचक जानकारी है। प्रश्न का स्वरूप बिल्कुल ऐसा ही होगा, यह ज़रूरी नहीं है।
इस कोर्स के प्रथम दो यूनिट के प्रश्न भी बाद की पोस्ट में डाले जाएंगे। अभी यूनिट 3,4 तथा 5 संबंधी जानकारी आपके लिए डाली जा रही है।

यूनिट -3 निबंध लेखन
·         निबंध की भाषा

1.      कथात्मक स्वरूपों की अपेक्षा निबंध में भाषा का महत्व क्या है?
2.      निबंध की वस्तु (विषय) भाषा के माध्यम से किस तरह विकसित होती है?
3.      तत्सम प्रधान भाषा किस तरह के निबंधों में प्रयुक्त होती है। उदाहरण के माध्यम से समझाएं?
4.      बालकृष्ण भट्ट अथवा अपनी पसंद के किसी अन्य निबंधकार की भाषागत विशेषताएं लिखिए।
5.      तद्भव भाषा अथवा बोलचाल की सामान्य भाषा में लिखे निबंधों की विशेषताएं बताइए।
6.      नारी अथवा स्त्री निबंध की भाषा में निहित अंतर समझाएं।
7.      अपने पढ़े किसी भी निबंध के आधार पर सामासिक भाषा तथा सरल भाषा के उदाहरण दें।
8.      विज्ञापन युग निबंध की भाषा पर प्रकाश डालें।
9.      हिन्दी का महत्व नामक विषय पर बोलचाल की अथवा तत्सम प्रधान भाषा में निबंध लिखें।
10.  अगर गद्य कविता की कसौटी है तो निबंध गद्य की कसौटी है- इस विधान को समझाएं।
11.  (406 वाले कोर्स के निबंधों को आधार बना कर भी प्रश्न पूछे जा सकते हैं।)


·         निबंध की शैली

1.      निबंध के स्वरूप में शैली का संबंध लेखक के व्यक्तित्व के साथ किस तरह जुड़ा है- उदाहरण दे कर समझाएं।
2.      शैली निबंध का प्राण है- इस कथन पर अपने विचार लिखें।
3.      निबंध की विभिन्न शैलियों पर प्रश्न पूछे जा सकते हैं। जैसे वर्णनात्मक, विवरणात्मक, सामासिक आदि।
4.      निबंध के स्वरूप में शैली का संबंध किन किन तत्वों से जुड़ा है, समझाएं।

Ø  1 अंक के प्रश्न
1.      शैली के लिए प्रयुक्त अन्य समानार्थी शब्दों के नाम लिखें।
2.      (इसमें कुछ उदाहरण दे कर यह पूछा जा सकता है कि शैली कौन सी है अथवा भाषा किस प्रकार की है। ये उदाहरण प्रसिद्ध रचनाओं में से लिए जाएंगे। अथवा 406 में जो आप पढ़ चुके हैं उसमें से पूछा जा सकता है।
·         विभिन्न प्रकार के निबंधों में प्रयुक्त भाषा का पाठ
1.      इसमें कुछ प्रसिद्ध निबंधों के उदाहरण दे कर  उनके भाषा पाठों के संदर्भ में प्रश्न पूछे जा सकते हैं। परीक्षार्थी से अपेक्षित यह है कि उसे भाषा पाठों के बारे में जानकारी होनी चाहिए।

Ø  इसमें आपको बाकायदा निबंधात्मक लेखन करना होगा।(200 शब्दों में)। इसमें आपने अब तक जो पढ़ा है, उसी को आधार बना कर पूछा जा सकता है। इस संदर्भ में ब्लॉग में जानकारी दी है।
1)      
1.      कोश- निर्माण
·         विभिन्न प्रकार के कोशों का परिचय, महत्व एवं उपयोगिता
·         हिन्दी कोशों का परिचय
·         कोश निर्माण के सिद्धांत
·         कोश निर्माण में आने वाली बाधाएं
 इसमें  जिस प्रकार के प्रश्न आ सकते हैं वह स्वतः स्पष्ट हैं अतः अधिक बताने की आवश्यकता नहीं है।